सीरिया में विद्रोहियों के हमलों के बीच ईरान ने बड़ा कदम उठाया है, जिसे विद्रोहियों के लिए काल माना जा रहा है... बीते कई दिनों से सीरिया में विद्रोही गुटों ने कई शहरों में हमला बोलकर सीरियाई सेना को खदेड़ते हुए इलाकों में कब्जा जमा लिया है... यहां तक की रूस के बमवर्षक विमान लगातार सीरिया में विद्रोही ठिकानों पर हमले कर रहे हैं लेकिन इससे बड़े पैमाने पर कोई फर्क नहीं पड़ता नजर आ रहा है... अंदेशा जताया जा रहा था कि इसे लेकर तेहरान कोई बड़ा कदम उठा सकता है... और वही अंदेशा सही भी हुआ... दरअसल बीते कल ही तेहरान में ईरानी सरकार की ओर से यह कहा
गया था
कि वह सीरिया में सेना भेजने के लिए इस शर्त के साथ तैयार हैं कि सीरियाई सरकार उनसे मदद मांगे और जैसे ही सीरियाई
सरकार की ओर से सहायता के लिए अनुरोध भेजा गया वैसे ही ईरान ने आईआरजीसी(IRGC) के प्रमुख कमांडर जावेद गफारी को दमिश्क भेजने का फैसला किया इससे लेकर दुनिया भर की निगाहें अब ईरान के इस फैसले पर टिक चुकी हैं कि साल 2017 में सीरिया में की गई सैन्य कारवाही के चलते गफारी को अलेप्पो(aleppo) का कसाई के नाम से जाना जाता है यानी गफारी विद्रोहियों के लिए काल साबित हुए हैं बता दें जावेद गफारी साल 2011 में सीरिया में शुरू हुए गृही युद्ध के दौरान तैनात होने वाले पहले आई आरजीसी कमांडरों में से एक है सीरिया में एक बार फिर से अब गफारी की जरूरत वान पड़ी है शायद राष्ट्रपति असद ने एक बार फिर से गफारी को दमिश्क भेजने की मांग की होगी क्योंकि सीरिया को भी पता है
कि साल 2017 में अलेप्पो शहर को किस तरीके से गफारी ने
विद्रोहियों के कब्जों से छुड़ाया था और तभी से उन्हें अलेप्पो का कसाई कहा जाने लगा था क्योंकि इस साल अलेप्पो को छुड़ाने के दौरान हजारों लोगों को मौत के घाट उतारा गया और यहां तक कि कई हजार लोग घायल हुए बता दें कि सीरिया में साल 2011 से जारी गृह युद्ध के दौरान आईआर जीसी कमांडर गफारी ने सीरिया में कई साल तक अपनी मॉनिटरिंग की थी उन्होंने अपने अलेप शहर में स्थित आरजीसी मुख्यालय की कमान अपने हाथों में रखी फिर बाद में सीरिया में आईआर जीसी और बासी फोर्स के साथ-साथ आई आरजीसी प्रॉक्सी बलों के मुख्य कमांडरों में सबसे ज्यादा पसंदीदा बन गए सीरिया में फिलहाल देखा जाए तो विद्रोहियों के बढ़ते दबदबे के कारण असद सरकार खतरे में है और समय पर सही एक्शन नहीं हुआ
तो शायद तख्ता पलट भी हो जाए साल 2021 में असद को सीरिया छोड़ना पड़ा था इसके पीछे की वजह थी उन पर अमेरिकी सेना पर हमला करने और वार क्राइम जैसे आरोप लेकिन सीरिया में एक बार फिर से मुश्किल समय आने पर दमिश्क पहुंचकर गफारी ने यह साबित कर दिया कि विद्रोहियों को खदेड़ने का अंतिम रास्ता वही है फिलहाल सीरियाई सेना विद्रोहियों के सामने हर रोज घुटने टेकते हुए नजर आ रही है कटर पंथी संगठन हयात तहरीर अल शम यानी एसटीएस के साथ कई दूसरे गुटों ने दो शहरों मुख्यत अलेप्पो और इदली पर अपना कब्जा जमा लिया सीरिया के ऐसी मुश्किल स्थिति में ईरान मदद करने के लिए आरजीसी कमांडर को तमक भेज तो दिया है लेकिन क्या इस बार भी कामयाबी वही पुरानी मिलेगी यह देखना अपने आप में बड़ा ही दिलचस्प हो जाता है बहरहाल इस रिपोर्ट में इतना ही।
धन्यवाद 🙏
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